Paay Lagu Maharaj Virad Banka:
पाय लागूं महाराज विरद बंका, चरणां लागूं महाराज विरद बंका। विरद बंका हो गढ़ तोड़ी लंका ।।टेर।। |
कुण थारी माता, कुण थारा पिता, कुण थारो नाम धर्यो, हनुमतां, पाय…..।। |
अंजनी म्हारी माता, पवन म्हारा पिता। ब्रम्हा म्हारे नाम धर्यो, हनुमतां, पाय…..।। |
कुणा जी र सत से थे सागर लांग्या। कुणा जी र बल से जलाई लंका, पाय….।। |
सियाजी क सत से मैं सागर लांग्यो। रामजी र बल से जलाई लंका, पाय…..।। |
रावण मार अहिरावण मार्यो, कुम्भकरण पर बाजे डंका, पाय…..।। |
तुलसीदास आस रघुवर की, असुर मार कर मिटादी संका, पाय…..।। |